पेश है एहतराम इस्लाम साहिब की किताब ‘हाज़िर है एह्तराम’ से एक ग़ज़ल लम्हा जो दिल में तेरी याद जगा देता है लम्हा जो दिल में तेरी याद जगा देता है दश्त ए वीराँ को भी गुलज़ार बना देता है सफ़्ह’-ए-ज़ेह्न पे यादों के क़लम से कोई नाम लिखता है कोई और मिटा देता है तश्न’-लब …
ओबीओ लाइव तरही-100/ श्रीमती राजेश कुमारी
देहरादून की शायरा श्रीमती राजेश कुमारी ‘राज’ जी ओबीओ की कार्यकारिणी सदस्या हैं। आपने ग़ज़ल के अलावा सनातनी छंद व लघुकथाओं की रचना भी की है। आप विभिन्न मंचों पर लगातार सक्रिय हैं। ओबीओ लाइव तरही 100 में पेश है श्रीमती राजेश कुमारी जी ग़ज़ल- दिन में तारे दिखा गया है मुझे दिन में तारे …
ओबीओ लाइव तरही-100/दिलबाग विर्क
पेश है ओबीओ लाइव तरही-100 में हरियाणा के शाइर श्री दिलबाग सिंह विर्क जी की गज़ल- राह से वो हटा गया है मुझे राह से वो हटा गया है मुझे तोड़ कसमें, भुला गया है मुझे यूँ ही उड़ता रहा, हवा में मैं आइना वो दिखा गया है मुझे रोजो-शब उसको सोचता हूँ बस रोग …
ओबीओ लाइव तरही 100 – आइना/अरुण कुमार निगम
ओबीओ के कार्यकारिणी सदस्य श्री अरुण निगम जी छत्तीसगढ़ी साहित्य में भी अच्छा खासा दख्ल रखते हैं। छत्तीसगढ़ी के प्रसिद्ध साहित्यकार स्व. श्री कोदूराम दलित के सुपुत्र श्री अरुण कुमार निगम जी साहित्य की बेहतरी के लिए छत्तीसगढ़ के विभिन्न मंचों पर वे सक्रिय योगदान दे रहे हैं। पेश है ओबीओ लाइव तरही-100 में दुर्ग(छत्तीसगढ़) …
ओबीओ लाइव तरही 100 – हुस्न के जल्वे/मिर्ज़ा जावेद बेग़
पेश है ओबीओ लाइव तरही-100 में उज्जैन के शाइर मोहतरम जावेद मिर्ज़ा बेग़ साहिब की गज़ल हुस्न जलवे दिखा गया है मुझे हुस्न जलवे दिखा गया है मुझे ख़ुद से ग़ाफ़िल बना गया है मुझे अबरू-ए-ख़म दिखा के वो देेखो मह्व-ए-हैरत बना गया है मुझे इक तबस्सुम से सुर्ख़ होंटों के बाज़ी-ए-दिल हरा गया है …
ओबीओ लाइव तरही 100 – जब तुम्हारा लिखा गया/योगराज प्रभाकर
ओबीओ लाइव तरही 100 में पेश है पटियाला के रचनाकार ओबीओ के प्रधान संपादक व लघुकथा पर आधारित पत्रिका लघुकथा कलश के संपादक श्री योगराज प्रभाकर जी की दूसरी ग़ज़ल- जब तुम्हारा लिखा गया है मुझे जब तुम्हारा लिखा गया है मुझे, तब हसद से पढ़ा गया है मुझे मैं ज़मीं से जुड़ा रहा हूँ …
ओबीओ लाइव तरही 100 – याद फिर कोई/समर कबीर
पेश है ओबीओ लाइव तरही-100 में उज्जैन की उस्ताद शाइर मोहतरम समर कबीर साहिब की गज़ल। ओबीओ तरही मुशायरे का 100वाँ अंक आपके ही मिसरे पर आधारित है। याद फिर कोई आ गया है मुझे याद फिर कोई आ गया है मुझे ख़ूँ के आँसू रुला गया है मुझे ये भी ऐज़ाज़ कम नहीं यारो …
ओबीओ लाइव तरही-100/अजीत शर्मा ‘आकाश’
पेश है ओबीओ लाइव तरही-100 में इलाहाबाद के शाइर श्री अजीत शर्मा ‘आकाश’ की गज़ल लम्हा-लम्हा छला गया है मुझे लम्हा-लम्हा छला गया है मुझे सिर्फ़ झाँसा दिया गया है मुझे रात से डर के डूब जाता है फिर से सूरज बता गया है मुझे मैं भटक जाता, दोस्त कोई मगर राहे-मंज़िल बता गया है …
ओबीओ लाइव तरही-100/मुनव्वर अली ताज
पेश है ओबीओ लाइव तरही-100 में मोहतरम मुनव्वर अली ताज की ग़ज़ल यार करके जुदा गया है मुझे यार करके जुदा गया है मुझे याद का घुन लगा गया है मुझे वो सलीक़ा सिखा गया है मुझे घोलकर ग़म पिला गया है मुझे ज़ख़्म ऐसा दिया गया है मुझे दर्द कच्चा चबा गया है मुझे …
ओबीओ लाइव तरही-100/मो. आरिफ़
पेश है ओबीओ लाइव तरही-100 में उज्जैन के शाइर मो. आरिफ़ साहिब की गज़ल मेरी क़ीमत बता गया है मुझे मेरी क़ीमत बता गया है मुझे राह से वो हटा गया है मुझे क़ब्ल मरने के वो ये कहने लगा ये तकब्बुर मिटा गया है मुझे जिसकी रग-रग में झूठ पिन्हाँ है आइना वो दिखा …
राह में एक राहबर के सिवा – सुनीता पाण्डेय ‘सुरभि’
राह में एक राहबर के सिवा सुनीता पाण्डेय ‘सुरभि’ इलाहाबाद की शायरा हैं। जो अपने लेखनी से अक्सर प्रभावित करती हैं। उनकी यह ग़ज़ल आपको ज़रूर पसंद आएगी। राह में एक राहबर के सिवा कुछ नहीं चाहा हमसफ़र के सिवा एक मरकज़ पे ये नहीं रुकती ज़िन्दगी क्या है इक सफ़र के सिवा ऐसे किरदार …