ख़मोशी तेरी फितरत है? नहीं तो या दिल में कोई दहशत है? नहीं तो तुम्हारे क़त्ल की बातें हुई थीं किसी दुश्मन की हरकत है? नहीं तो फ़क़त बातों के दम पर राज करना ये अपनी-अपनी किस्मत है? नहीं तो बराबर सबको शीशे में उतारा तो क्या ये भी तिजारत है? नहीं तो हवा के …
